कभी कभी अदिति ज़िंदगी
में यूँही कोई अपना लगता है
कभी कभी अदिति वह बिछड़ जाए तो
एक सपना लगता है ,
ऐसे में कोई अपने आसूं को बहने से रोके
और कैसे कोई सोच दे
Everythings gona be ok
कभी कभी तो लगे ज़िंदगी में न खुशी और न मज़ा
कभी कभी तो लगे हर दिन मुश्किल और हर पल एक सज़ा
ऐसे में कोई कैसे मुस्कुराये कैसे हसदे खुश होके
और कैसे कोई सोच दे
Everything gona be ok
सोच ज़रा जानेजा तुझको हम चाहते है
रोते है हम भी, अगर तेरी आखों में आसूं आते है
गाना तो आता नही है मगर फिर भी हम गाते हैं
हे अदिति मान कभी , कभी सारे जहाँ में अँधेरा होता है
लेकिन रात के बाद ही तो सवेरा होता
कभी कभी अदिति ज़िंदगी
में यूँही कोई अपना लगता है
कभी कभी अदिति वह बिछड़ जाए तो
एक सपना लगता है ,
हे अदिति हसदे हसदे हसदे हसदे तू ज़रा
नही तो बस थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा मुस्कुरा
तू खुश है तो लगे की जहाँ में छाई है खुशी
सूरज निकले बादलों से और बांटते ज़िंदगी
सुन तो जरा मदहोश हवा तुझसे कहने लगी
की अदिति को बिछड़ते है एक न एक दिन फिर मिल जाते हैं
अदिति जाने तू या जाने न फूल फिर खिल जाते हैं
कभी कभी अदिति ज़िंदगी में यूँही कोई अपना लगता है कभी कभी अदिति वह बिछड़ जाए तो एक सपना लगता है ,
हे अदिति हसदे हसदे हसदे हसदे तू ज़रा
नही तो बस थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा मुस्कुरा
हे अदिति हसदे हसदे हसदे हसदे तू ज़रानही तो बस थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा मुस्कुरा
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6 comments:
thats beautiful post. are those ur words? if so thn u r good writer
Yes those are my words..but its not my song. i translate it by my heart
blog far avadala.
engineering divasanchi atavan jali
Thanx mansiha...pan tuza konata blog nahi ka..?
maza blog nahi aahe.
pan tuza blog avadala
asa vatat ki ti mazich gost aahe
engineering pasun te IT madhe kam karnya paryant aapan je problem face karto tyache hube hub varanan aahe.farach chan........:):)
Are non-blogger pan maza blog wachatat he pahun chan watala.
nahitar amacha vishwa fakt blogger parayntach limited ahe.
nice to hear that you are also an engineer.tyamulech blogging madhe maja yete, pan techno topics takayala bore hota..
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